जब स्वास्थ्य की बात
होती है तो लोग अक्सर शारीरिक साफ-सफाई व उचित खान-पान के विषय में ही सोचते हैं,
जबकि मानसिक धरातल पर भी स्वास्थ्य का उतना ही महत्त्व है। यह बड़े अफसोस की बात
है कि लोग मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान ही नहीं देते। जब तक व्यक्ति का शरीर व मन
- दोनों ही स्वस्थ नहीं हैं तब तक वह स्वस्थ नहीं हो सकता। भयंकर से भयंकर रोग भी
मन के स्वस्थ होने के कारण ठीक हो जाते हैं और शारीरिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ
व्यक्ति भी मानसिक दृष्टि से विकारी होने के कारण रोगों की गिरफ्त में आ जाता है।
अतः पूर्णतया स्वस्थ वही व्यक्ति कहलाएगा जो शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूप से
स्वस्थ हो।
मन के स्वास्थ्य के
लिए निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है-
. स्वयं को अच्छे
कार्यों में व्यस्त रखें।
. सदा सकारात्मक
सोचें। नकारात्मक विचारों को तरजीह न दें।
. वर्तमान में जिएँ
व उसका आनंद लें।
. हमेशा खुश रहें।
. अच्छे लोगों की
संगति करें व अच्छा साहित्य पढ़ें।
. संघर्ष के पलों को
चुनौती समझें न कि मुसीबत।
. जीवन में अध्यात्म
को प्राथमिकता दें क्योंकि इससे मन की शांति प्राप्त होगी।
. अकेलापन महसूस न
करें, अच्छी पुस्तकों को अपना साथी बनाएँ।
इस प्रकार यदि मन के
स्वास्थ्य के लिए प्रयास किए जाएँ तो मन सदा प्रसन्न व आनंदित रहेगा तथा हमें अपना
जीवन उद्देश्यपूर्ण लगेगा।
एक नई आशा के साथ
फिर मिलेंगे . . .